Wednesday, March 30, 2011

BIG BOSS VIKAS P SAMWATSARE NEWS UPDATED 11.24

विश्‍वकप 2011 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्‍तान को 29 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. अब 2 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्‍टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाएगा. सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शानदार 85 रन बनाए और उन्‍हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. 
क्रिकेट कूटनीति का गवाह बना यह मैच दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों और कई दिग्गज हस्तियों ने भी देखा. महेंद्र सिंह धोनी के रणबांकुरों ने मनमोहन सिंह और उनकी टीम में खूब जोश भरा और पाकिस्तान पर विश्व कप में अपना शत प्रतिशत रिकार्ड बरकरार रखा. भारत तीसरी बार फाइनल में पहुंचा है. 1983 के चैंपियन को दूसरी बार खिताब जीतने के लिये अब दो अप्रैल को मुंबई में श्रीलंकाई चुनौती तोड़नी होगी.
पीसीए स्टेडियम में भाग्य भारत के साथ था. सचिन तेंदुलकर ने चार जीवनदान और रेफरल का फायदा उठाकर 115 गेंद पर 85 रन बनाये. वीरेंद्र सहवाग (38) ने टीम को तूफानी शुरुआत दिलायी लेकिन वहाब रियाज (46 रन देकर पांच विकेट) के झटकों से रन गति धीमी पड़ गयी. सुरेश रैना ने आखिर में 36 रन की अच्छी पारी खेली जिससे भारत ने नौ विकेट पर 260 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया.
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च में गेंदबाजों ने अंतर पैदा किया. भारतीय गेंदबाजों ने बेहद अनुशासित खेल दिखाया और नियमित अंतराल में विकेट लेकर पाकिस्तान को बड़ी साझेदारी नहीं निभाने दी. मिसबाह उल हक ने 76 गेंद पर 56 रन बनाये पर पाकिस्तान 49.5 ओवर में 231 रन ही बना पाया. भारत की तरफ से पांचों गेंदबाजों जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिये. सचिन तेंदुलकर की जीवनदानों से भरी 85 रन की पारी और अच्छी शुरुआत के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम यहां तेज गेंदबाज वहाब रियाज के ‘पंजे’ में फंसकर पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल के महामुकाबले में नौ विकेट पर 260 रन ही बना पायी. इस लक्ष्‍य का पीछा करने उतरी पाकिस्‍तानी टीम ने बिना कोई विकेट गंवाये  8 ओवर में 43 रन बना लिए हैं.
भारतीय बल्लेबाज प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और यहां तक कि तेंदुलकर को चार जीवनदान मिले जबकि एक बार यूडीआरएस उनके बचाव में आगे आया. वीरेंद्र सहवाग (38), गौतम गंभीर (29) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (25) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाये. सुरेश रैना 36 रन बनाकर नाबाद रहे.
रियाज भारतीयों के लिये कातिल साबित हुए. उन्होंने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 46 रन देकर पांच विकेट लिये और शोएब अख्तर की कमी नहीं खलने दी. सबसे अहम बात यह रही कि भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के सामने भी हावी होकर नहीं खेल पाये. पाकिस्तान के तीनों स्पिनर ने 30 ओवर में केवल 123 रन दिये. इनमें आफ स्पिनर सईद अजमल सबसे सफल रहे. उन्होंने 44 रन देकर दो विकेट लिये.
भारत को सहवाग ने तूफानी शुरुआत दिलायी और तब लग रहा था कि टीम 300 रन के पार पहुंचेगी लेकिन बीच में नियमित अंतराल में विकेट गंवाने से रन गति धीमी पड़ी. आलम यह था एक समय 15 ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार ही नहीं गयी.
सहवाग ने इस विश्व कप में चौका जड़कर खाता खोलने का क्रम बनाये रखा और आज उनके निशाने पर उमर गुल थे जिनके खिलाफ उन्होंने 19 गेंद पर आठ चौके जमाकर पाकिस्तानी आक्रमण थर्रा दिया.
तेंदुलकर का भाग्य ने पूरा साथ दिया. उन्होंने आठवें ओवर में रियाज के खिलाफ अपनी कलात्मकता और प्लेसमेंट का जानदार नमूना पेश किया लेकिन तब स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया जब उनके खिलाफ अजमल की पगबाधा की अपील पर अंपायर इयान गाउल्ड की उंगली उठ गयी. तब 23 रन पर खेल रहे तेंदुलकर ने रेफरल मांगा. गेंद लाइन में थी लेकिन रीप्ले से पता लग रहा था वह लेग स्टंप छोड़ रही थी. गाउल्ड को फैसला बदलना पड़ा. अगली गेंद पर स्टंपिंग की अपील पर तेंदुलकर को संदेह का फायदा मिला.
पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षक भी पूरी तरह से तेंदुलकर पर मेहरबान थे. तेंदुलकर को 27 रन पर मिसबाह उल हक, 45 रन पर यूनिस खान और 70 रन पर कामरान अकमल ने जीवनदान दिया. तीनों अवसरों पर दुर्भाग्यशाली गेंदबाज कप्तान शाहिद अफरीदी रहे. तेंदुलकर जब 81 रन पर थे तब मोहम्मद हफीज की गेंद पर उमर अकमल ने आसान कैच टपकाया.
इन जीवनदान के बावजूद तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा नहीं कर पाये. अजमल की गेंद पर उन्होंने ढीला ड्राइव खेला और एक्स्ट्रा कवर पर अफरीदी ने कैच लेने में कोई गलती नहीं की. तेंदुलकर ने 115 गेंद खेली और 11 चौके लगाये.
इस बीच दूसरे छोर पर लगातार तीन विकेट गिरने से तेंदुलकर पर दबाव भी बढ़ा. गंभीर एक दो आकषर्क शाट लगाने के बाद हफीज की फ्लाइट लेती गेंद पर चूक गये और बाकी काम विकेटकीपर ने पूरा कर दिया.
दर्शकों का दिल टूट गया. उनकी धड़कने बढ़ गयी थी लेकिन धोनी ने रियाज की हैट्रिक नहीं बनने दी. इसके बाद अगली गेंद जब धोनी के बल्ले का किनारा लेकर चार रन के लिये गयी तो कुछ ही तालियां बजी.
लेकिन भारतीय टीम दबाव में आ चुकी थी और पाकिस्तानी गेंदबाजी हावी हो गये थे. आलम यह था कि 30वें ओवर के बाद गेंद को सीमा रेखा के दर्शन करने के लिये 45वें ओवर तक का इंतजार करना पड़ा और इस बीच टीम ने तेंदुलकर और धोनी के विकेट गंवाये.
धोनी को भी जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये. वहाब रियाज की गेंद पर कामरान ने उनका कैच छोड़ा लेकिन इसी ओवर में भारतीय कप्तान पगबाधा आउट हो गये. धोनी ने रिव्यू भी मांगा लेकिन साइमन टफेल का फैसला ही सही साबित हुआ.
गुल ने अपने पहले चार ओवर में 41 रन दिये थे और बाद में उनकी नहीं चली. बल्लेबाजी पावरप्ले में रैना ने उन्हें निशाना बनाया और 46वें ओवर में उन पर तीन चौके जड़े. यह पावरप्ले का पहला ओवर भी था. इस बीच ‘दूसरा’ के धनी हरभजन सिंह (12) को अजमल ने ‘दूसरा’ पर अपना शिकार बनाया जबकि रियाज ने जहीर खान (9) के रूप में पांचवां विकेट लिया.
इससे पहले इस हाईवोल्‍टेज सेमीफाइनल मुकाबले में कप्‍तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी करने का निर्णय लिया है. भारत की ओर से आर अश्विन की जगह आशीष नेहरा को टीम में शामिल किया गया है.
इस मैच को देखने के लिए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी स्‍टेडियम में मौजूद थे.

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